Next Story
Newszop

महाभारत के श्राप: कैसे इन अभिशापों ने बदल दी इतिहास की धारा?

Send Push
महाभारत के श्रापों का रहस्य

Curses in Mahabharata

Curses in Mahabharata

महाभारत के श्राप: ऋषि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत, जो भारतीय संस्कृति का एक अद्वितीय महाकाव्य है, केवल युद्ध की कहानी नहीं है। यह जीवन, धर्म और कर्म के गहरे रहस्यों को उजागर करता है। इसमें वरदानों और आशीर्वादों ने पात्रों को अद्भुत शक्तियाँ दीं, वहीं श्रापों ने उनकी किस्मत को बदल दिया।

श्राप केवल एक शब्द नहीं हैं; ये किसी की पीड़ा, आक्रोश या दुख से उत्पन्न ऊर्जा हैं, जो समय के साथ अपना प्रभाव दिखाते हैं। महाभारत में कई ऐसे श्राप हैं जिन्होंने न केवल एक व्यक्ति, बल्कि पूरे वंश का भविष्य बदल दिया। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख श्रापों के बारे में, जिन्होंने इस महाकाव्य को नया मोड़ दिया।

कृष्ण का अश्वत्थामा के लिए अमर श्राप

image


महान योद्धा अश्वत्थामा ने महाभारत के युद्ध के अंतिम क्षणों में पांडवों के पुत्रों की हत्या कर दी। कृष्ण ने उसे श्राप दिया कि 'तुम तीन हजार वर्षों तक अमर रहोगे, लेकिन तुम्हारे शरीर से हमेशा पीब और रक्त बहता रहेगा।'

यह श्राप अश्वत्थामा को अमरता तो देता है, लेकिन यह अमरता दुख और तिरस्कार से भरी है।

परीक्षित का अंत और श्रृंगी ऋषि का श्राप

image


राजा परीक्षित, जो न्यायप्रिय थे, ने शमीक ऋषि के आश्रम में जाकर एक मृत सर्प को उनके गले में डाल दिया। ऋषि के पुत्र श्रृंगी ने श्राप दिया कि 'सातवें दिन तक्षक नाग के डंसने से तुम्हारी मृत्यु होगी।' दुर्योधन के घमंड पर महर्षि मैत्रेय का श्राप

image


महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन को समझाया कि उसे पांडवों से शांति करनी चाहिए, लेकिन दुर्योधन ने उनकी बात नहीं मानी। महर्षि ने श्राप दिया कि 'जिस जंघा पर तुम ताल ठोंक रहे हो, युद्ध में वही भीम की गदा से चूर-चूर होगी।'

यह श्राप युद्ध में सत्य साबित हुआ, जब भीम ने दुर्योधन की जंघा तोड़ दी।

अर्जुन का संयम और उर्वशी का श्राप

अर्जुन का सौंदर्य देखकर अप्सरा उर्वशी मोहित हो गई, लेकिन अर्जुन ने उसे अस्वीकार कर दिया। उर्वशी ने श्राप दिया कि 'तुम एक वर्ष तक नपुंसक रहोगे।'

image


हालांकि यह श्राप दुर्भाग्य प्रतीत हुआ, लेकिन अज्ञातवास के दौरान अर्जुन ने 'बृहन्नला' का रूप धारण किया और पांडवों की पहचान छिपाई।

परशुराम का श्राप कर्ण के लिए

कर्ण, जो महान योद्धा बनना चाहते थे, ने परशुराम से शिक्षा प्राप्त की। जब परशुराम को सत्य का ज्ञान हुआ, तो उन्होंने श्राप दिया कि 'जिस क्षण तुम्हें इन अस्त्रों की आवश्यकता होगी, तुम उन्हें भूल जाओगे।'

image


युद्ध के दौरान कर्ण को उस श्राप का सामना करना पड़ा, जब उसका रथ का पहिया धंस गया और वह कोई अस्त्र याद नहीं कर सका।

ऋषि किंदीम का श्राप राजा पांडु के लिए

image


राजा पांडु ने अनजाने में ऋषि किंदीम पर बाण चलाया, जिसके कारण ऋषि ने श्राप दिया कि 'जब तुम स्त्री के करीब जाओगे, उसी क्षण तुम मर जाओगे।'

हालांकि पांडु की मृत्यु हुई, लेकिन इसी श्राप ने पांडवों के जन्म का मार्ग प्रशस्त किया।

अंबा का प्रतिशोध और भीष्म का अंत

image


अंबा ने भीष्म से प्रतिशोध लेने के लिए भगवान शिव की तपस्या की और अगले जन्म में शिखंडी के रूप में जन्म लिया। महाभारत युद्ध में शिखंडी के सामने भीष्म ने शस्त्र उठाने से मना कर दिया, और अंततः अर्जुन के बाणों से उनकी मृत्यु हुई। गांधारी का कृष्ण को श्राप

image


गांधारी ने अपने पुत्रों की मृत्यु के बाद कृष्ण को श्राप दिया कि 'तुम्हारा यदुवंश भी आपसी संघर्ष में समाप्त होगा।'

यह श्राप भी सत्य साबित हुआ, जब यादव वंश आपसी लड़ाई में समाप्त हो गया और कृष्ण का अंत एक शिकारी के बाण से हुआ।

द्रौपदी का घटोत्कच को श्राप

द्रौपदी ने भीम-पुत्र घटोत्कच को अपमानित किया, जिसके कारण उसने श्राप दिया कि 'तेरा जीवन अल्प होगा और तू बिना महिमा पाए मारा जाएगा।'

image


युद्ध में घटोत्कच ने अपनी शक्ति से कौरवों को भारी क्षति पहुंचाई, लेकिन अंततः कर्ण ने उसे मार गिराया। यदि यह श्राप न होता, तो वह अकेले ही कौरव सेना का विनाश कर सकता था।

महाभारत के ये श्राप केवल दंड नहीं थे, बल्कि नियति के सूत्र थे। ये दर्शाते हैं कि किसी का घमंड, अपराध, अन्याय या क्रोध कैसे आने वाली पीढ़ियों तक इतिहास को प्रभावित कर सकता है।

श्रापों की यह श्रृंखला महाभारत को कालजयी बनाती है, यह सिखाती है कि मनुष्य चाहे कितना भी शक्तिशाली हो, क्षणिक क्रोध या अहंकार उसके भविष्य को बदल सकता है। महाभारत केवल युद्ध नहीं, बल्कि नियति और धर्म का अमिट पाठ है।


Loving Newspoint? Download the app now